Dictionaries | References ग (गो.) उडत्या पांखरांची शेटां मोजप Meaning Key Pages Related मराठी वाक्संप्रदाय - वाक्यप्रचार | mr mr | | पांखरू उडत असतां त्याची पिसे मोजणें किती अवघड काम आहे? पण हे जो करतो तो किती चाणाक्ष व हुशार असला पाहिजे! फार हुषार, चलाख मनुष्य पाताळयंत्री मनुष्य अतिशय चाणाक्ष व एखादी गोष्ट अत्यंत जलद घडवून आणणारा. Related Words SUGGEST A NEW WORD! गो (गो.) उडत्या पांखरांची शेटां मोजप (गो.) करणें थोडे उलवणें चड पळत्या चोराचीं शेटां आळाबंदा (गो .) उडत्या पांखराची पिसें (पराशेटे) मोजणारा (गो.) उष्ट्या हातान् कावळो हाबडप अडकित्त्यांतील सुपारी, (गो.) अडकात्तेंतुलें फोपळ कोलो उशेलांत पडलो (गो.) (गो.) कानां भिडॅल घाल (गो.) उदरा पोराक लोखंडा खेळ कित्याक भिकार्याच्या पोराक शेटां बहू मोजप उडत्या पांखराचें मेज करणारा उडत्या पाखराची पिलें, सार्या दिशेला धांवली उडत्या पाखराचीं पिसें मोजणारा (गो.) जेवरे पुता वाटींत माका गोड करटींतु (गो.) कुंभार त्यांका नाय सुमार अंधळ्यापुढें नाच बहिर्यापुढें गायन, (गो) अंधळ्या सरी नाजून आनी बहिर्यासरी गावन उपयोग किते हत्ती भागलो ह्मोण घोड्या ऽ घोडवळींत राबाना (गो.) अगे-गो (गो.) सुनेचो पाय लागल्यार सुनेनं पायां पडूंक जाय आनि मायचों पाय लागल्यार सुनेनच पायां पडूंक जाय म्हशीचीं शिंगें म्हशीला जड नाहींत (गो.) म्हशीचि शिंगां म्हशीक जड जायनात गो॥ मतिर (मंत्र) थोडा, फुका जास्त (गो.) कट्टें नातिल्या भुतानें भोवंतचि आसचें (गो.) खेंकट्यास मेकटें महादेवा, उठ गो नकट्या लाव दिवा (गो.) डोंगर विलो अनि उंदीर जालो (गो.) उंदीर हागतलो किते नी शेणो थापतालो किते सुपांतले हंसतात, आधणांतले तपेल्यांतले रडतात-(गो.) सुपांतले हांसतात, ओल्लेंतले रटटात बायलबोलो (गो.) (गो.) तवो तापिल्या वेळारि रोटि भाजून घेवंका (गो.) तीळु खावुनु व्रत भ्रष्ट : Folder : Page : Word/Phrase : Person Search results No pages matched! Related Pages | Show All अंक दुसरा - प्रवेश पहिला अंक दुसरा - प्रवेश पहिला फूलपांखरूं फुलवेली - ‘हें फूल या उडत्या स्वर्ग... फूलपांखरूं फुलवेली - ‘हें फूल या उडत्या स्वर्ग... श्रमगीते - सागाची दिमकी श्रमगीते - सागाची दिमकी श्रमगीते - नवी नवरी श्रमगीते - नवी नवरी श्रीकृष्णाचीं पदें - पदे १२१ ते १३२ श्रीकृष्णाचीं पदें - पदे १२१ ते १३२ अर्थशास्त्रम् अध्याय ०२ - भाग २९ अर्थशास्त्रम् अध्याय ०२ - भाग २९ हिन्दी पदावली - पद १५१ से १६० हिन्दी पदावली - पद १५१ से १६० हिन्दी पद - पदे ९६ से ९९ हिन्दी पद - पदे ९६ से ९९ आचारकाण्डः - अध्यायः २०९ आचारकाण्डः - अध्यायः २०९ अर्थशास्त्रम् अध्याय ०२ - भाग ११ अर्थशास्त्रम् अध्याय ०२ - भाग ११ अंक पहिला - प्रवेश दुसरा अंक पहिला - प्रवेश दुसरा कबीर के दोहे - मनरे तूं राम बिन दुःख पाव... कबीर के दोहे - मनरे तूं राम बिन दुःख पाव... कबीर के दोहे - मनरे तूं राम बिन दुःख पाव... कबीर के दोहे - मनरे तूं राम बिन दुःख पाव... उत्तरस्थान - अध्याय १३ उत्तरस्थान - अध्याय १३ उत्तरस्थान - अध्याय ३० उत्तरस्थान - अध्याय ३० उत्तरस्थान - अध्याय ३७ उत्तरस्थान - अध्याय ३७ शारीरस्थान - अध्याय ६ शारीरस्थान - अध्याय ६ उत्तरस्थान - अध्याय ५ उत्तरस्थान - अध्याय ५ अर्थशास्त्रम् अध्याय ०२ - भाग २४ अर्थशास्त्रम् अध्याय ०२ - भाग २४ आठ अक्षरी वृत्तें - अनुष्टुप् आठ अक्षरी वृत्तें - अनुष्टुप् वृत्तरत्नाकर - तृतीयोऽध्यायः वृत्तरत्नाकर - तृतीयोऽध्यायः उत्तरस्थान - अध्याय ३२ उत्तरस्थान - अध्याय ३२ उत्तरस्थान - अध्याय ११ उत्तरस्थान - अध्याय ११ आश्विनमास: - गोपूजनविधि: आश्विनमास: - गोपूजनविधि: अर्थशास्त्रम् अध्याय १४ - भाग १ अर्थशास्त्रम् अध्याय १४ - भाग १ ब्रम्हस्तुति - चरण ३ - भाग ३ ब्रम्हस्तुति - चरण ३ - भाग ३ उत्तरस्थान - अध्याय ३८ उत्तरस्थान - अध्याय ३८ अर्थशास्त्रम् अध्याय ०२ - भाग १२ अर्थशास्त्रम् अध्याय ०२ - भाग १२ श्रीकृष्ण माधुरी - पद ८६ से ९० श्रीकृष्ण माधुरी - पद ८६ से ९० अर्थशास्त्रम् अध्याय ०२ - भाग ६ अर्थशास्त्रम् अध्याय ०२ - भाग ६ अर्थशास्त्रम् अध्याय ०२ - भाग ३५ अर्थशास्त्रम् अध्याय ०२ - भाग ३५ लोकहितकरव्रत - गो पूजन लोकहितकरव्रत - गो पूजन उत्तरस्थान - अध्याय २८ उत्तरस्थान - अध्याय २८ कल्पस्थान - अध्याय ५ कल्पस्थान - अध्याय ५ सूत्रस्थान - अध्याय १९ सूत्रस्थान - अध्याय १९ उत्तरस्थान - अध्याय ३ उत्तरस्थान - अध्याय ३ बृहत्संहिता - अध्याय ९ बृहत्संहिता - अध्याय ९ क्रिया कैरव चन्द्रिका - अष्ठादश परिच्छेद: क्रिया कैरव चन्द्रिका - अष्ठादश परिच्छेद: अर्थशास्त्रम् अध्याय १० - भाग ६ अर्थशास्त्रम् अध्याय १० - भाग ६ स्कंध ११ वा - अध्याय ३० वा स्कंध ११ वा - अध्याय ३० वा उत्तरस्थान - अध्याय २० उत्तरस्थान - अध्याय २० अर्थशास्त्रम् अध्याय १२ - भाग ४ अर्थशास्त्रम् अध्याय १२ - भाग ४ यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग दुसरा यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग दुसरा अर्थशास्त्रम् अध्याय ०२ - भाग २० अर्थशास्त्रम् अध्याय ०२ - भाग २० अर्थशास्त्रम् अध्याय १० - भाग ३ अर्थशास्त्रम् अध्याय १० - भाग ३ सूत्रस्थान - अध्याय २५ सूत्रस्थान - अध्याय २५ अर्थशास्त्रम् अध्याय ०२ - भाग १५ अर्थशास्त्रम् अध्याय ०२ - भाग १५ कवितावली - भाग १ कवितावली - भाग १ सूत्रस्थान - अध्याय २९ सूत्रस्थान - अध्याय २९ उत्तरस्थान - अध्याय २२ उत्तरस्थान - अध्याय २२ | Show All : Folder : Page : Word/Phrase : Person Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP