Dictionaries | References ब बखतवारी उडगई है, बुलंदी रह गई है मराठी वाक्संप्रदाय - वाक्यप्रचार | Marathi | ( हिं.) पैसा गेला अभिमान राहिला. Related Words SUGGEST A NEW WORD! दया धर्मका मूळ है बखतवारी उडगई है, बुलंदी रह गई है आपना घर दूरसे सुझतां है आपना वकर आपने हात है बम्मन-बम्मनकी गई बछडी, रावणकी गई लंक, दोनो दुःख समान है, ओ राजा ए रंक बखतवारी बछडा-बछडा खुंटेके बळ नाचता है है दोनो हातो पगडी संभालाने पडी है नफा दिसता है, मुद्दल घुसता है गडमें गड चितोडगड और सब गढैया है, तालमें ताल भोपालताल और सब तलैंया है पके बडके तले, मरणेवाले है दिलपर दिल ऐना है नंगेमे खुदाभी डरता है आटा तोल, ठिकरी जलती है बुंद-बुंदसे गई वो हौदसे आती नहीं गई सो-सो कव्वोमे एक बगलाभी सरस है शौक-शौकदाद इलाही है मुदलसे बियाज प्यारा होता है आज है सो कल नही मारमारके जाय, फताहदाद इलाही है जहांके मुरदे वहांही गाडते है उंट बडबडातेही लादते है नानक (कहे) नन्हे होईजे जैसी दूब, और घांस जर जात है दूब खूब की खूब आग पानीको हाडवैर है मुफलस-मुफलससे सवाल हराम है जबान तले जबान है हजार आफत है, एक दिल लगानेसें दियाही आडे आता है एक एक मुस्किलके, हजार हजार आसान रखे है महंत-जांके संग दसवीस है तांको नाम महंतः फतहा-फतहा दाद इलाही है मरदका कान और औरतका थान, जितना दबावे उतनाहि सीत कम लगता है सय्या-सैय्या भये कोतवाल अब किसकी डर है मूरख मूरख राज करत है, पंडित फिरत भिकारी जनाब, देहली तो बहोत दूर है वली-वल्लीको वल्लीही पछानता है दिल लगा गद्धीसे (मेंडकीसे), पदमीन क्या इयांट (चीज) है हाथीका वोझा, हाथीही उठाता है तूं इमानसे गाव, हम सोता है आपने गल्लीमे कुत्ताभी शेर है आग पानीको वैर है मिया गिरगये लेकिन् पाव तो उच्चा है जहां सुई नही जाती, वहां मुसली चलाती है काजीजी दुबले क्यौं? तो दुनियाकी फिकीर लगी है जात खुदाकी बेअयब है साहेबका घर दूर है, जैसी लंबी खजूर l चढे तो चाहे प्रेम रस, गिरे तो चकना चूर ll रह अरे बिबी भूक लगी, रोटियां पकाव ! ठिकरी तो फुट गई, बेटा टालिया बजाव गद्धेभी जवानीमें, भले मालूम देते है बियाह-बीयाह न कीया, बराततो देखी है सोना-सोतेको सोता, कब जागता है : Folder : Page : Word/Phrase : Person Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP