Dictionaries | References व वडवा II. चारित्र कोष | Hindi | n. एक अग्नि, जो समुद्र के भीतर वास्तव्य करती है । और्व नामक अग्नि जन्म लेते ही समस्त पृथ्वी को जलाने लगी । तब उसके पितरो ने आ कर उसे समझाया, एवं उसे अपनी क्रोधाग्नि को समुद्र मे डाल देने के लिए कहा । पितरों के आदेश से, और्व ने अपने क्रोधान्गि को समुद्र में डाल दिया । वहॉं आज भी अश्व की मुख जैसी आकृति बना कर, यह समुद्र का जल पीती रहती है [म. आ. १७१.२१ -२२] । वायु के अनुसार, यह एवं और्व अग्नि दोनों एक ही है [वायु. १.४७]; और्व २. देखिये । Related Words SUGGEST A NEW WORD! type I and II probabilities NIRṚTI II वडवा II. UPAMANYU II ŚIKHAṆḌINĪ (II) धन्वन्तरि II. DRUHYU II PURŪRAVAS II SIṀHASENA II भोज्या II. शौंग II. देवक II. गोकर्ण II. जामदग्न्य II. VIŚĀLĀ II श्र्वेतकेतु (औद्दालकि आरुणेय) II. VIMALA II कालानल II. सुमित्र II. सुह्य II. विनायक II. ŚALABHA II DEVAŚARMĀ II UṢAṄGU II VĀRUṆĪ II कृतवर्मन् II. DRUMASENA II YUGANDHARA II DHṚTIMĀN II सुनय II. चक्रवर्तिन् II. विपाप्मन् II. पुंडरीका II. पुलक II. मेकल II. विघ्न II. वाटधान II. सृष्टि II. सुवर्चस् II. ARUṆĀ II AITAREYA II वैखानस II. सुक्षत्र II. रवि II. वीरिणी II. VṚṢASENA II अहीन II. कण्व II. लौहित्य II. प्रलंब II. : Folder : Page : Word/Phrase : Person Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP