Dictionaries | References स संचय Meaning Key Pages Related A Sanskrit English Dictionary | sa en | | सं-चय a &c. See सं- √ 1.चि. See also: सं - चयसं-चय f. bm. (ifc.f(आ). ) collection, gathering, accumulation, heap, hoard, store, multitude, quantity (dat., ‘in order to have more’), [Nir.]; [MBh.] &c. See also: सं - चयअस्थि-स्° collecting the bones of a burnt body (in ), [RTL. 284; 300] See also: अस्थि - स्° The Practical Sanskrit-English Dictionary | sa en | | संचयः [sañcayḥ] 1 Heaping up, gathering. Hoard, heap, accumulation, stock, store; कर्तव्यः संचयो नित्यं कर्तव्यो नाति- संचयः Subhāṣ. A large quantity, collection. Joint; दोर्निष्पेषविशीर्णसंचयदलत्कङ्कालमुन्मथ्नतः [Māl.8.9.] A dictionary, Marathi and English | mr en | | A collection, accumulation, aggregation, heap. Aryabhushan School Dictionary | mr en | | m A collection, accumulation, heap. Related Words SUGGEST A NEW WORD! संचय जो भुलला देवाला, तेणें पापाचा संचय केला संचय करणे : Folder : Page : Word/Phrase : Person Search results No pages matched! Related Pages | Show All सावरकरांच्या कविता - १ सावरकरांच्या कविता - १ जय मृत्युंजय - वाटिकेंतल्या सुमांचा तुझ्... जय मृत्युंजय - वाटिकेंतल्या सुमांचा तुझ्... मानसागरी - अध्याय ४ - लाभभाव मानसागरी - अध्याय ४ - लाभभाव पंचम पटल - भोगरूपयोगविघ्नविद्याकथनम् पंचम पटल - भोगरूपयोगविघ्नविद्याकथनम् कल्पस्थान - अध्याय १ कल्पस्थान - अध्याय १ मित्रसम्प्राप्ति - कथा ४ मित्रसम्प्राप्ति - कथा ४ मानसागरी - अध्याय ४ - दुर्धरायोगफल मानसागरी - अध्याय ४ - दुर्धरायोगफल प्रतिष्ठा पूर्व चिंतन प्रतिष्ठा पूर्व चिंतन बृहत्संहिता - अध्याय १०१ बृहत्संहिता - अध्याय १०१ दांभिकास शिक्षा - ६१३१ ते ६१४० दांभिकास शिक्षा - ६१३१ ते ६१४० हिन्दी पद - पदे ७१ से ७५ हिन्दी पद - पदे ७१ से ७५ मौनव्रत मौनव्रत स्कंध ३ रा - अध्याय १२ वा स्कंध ३ रा - अध्याय १२ वा श्रीनारदभक्तिसूत्रें - सूत्र ६३ श्रीनारदभक्तिसूत्रें - सूत्र ६३ सूत्रस्थान - ऋतुचर्या सूत्रस्थान - ऋतुचर्या अपरीक्षितकारकम् - प्रारंभ अपरीक्षितकारकम् - प्रारंभ प्रथम पाद - विविध प्रायश्चित्तका वर्णन प्रथम पाद - विविध प्रायश्चित्तका वर्णन अध्याय दूसरा - श्लोक १ से २० अध्याय दूसरा - श्लोक १ से २० अष्टमाष्टक - अष्टमोsध्याय: अष्टमाष्टक - अष्टमोsध्याय: योगनिद्रासन * योगनिद्रासन * कथामृत - अध्याय तिसरा कथामृत - अध्याय तिसरा सार्थ लघुवाक्यवृत्ती - ओव्या ९०१ ते ९५० सार्थ लघुवाक्यवृत्ती - ओव्या ९०१ ते ९५० खंड ५ - अध्याय ४४ खंड ५ - अध्याय ४४ मेघदूत पूर्वमेघा - श्लोक ५६ ते ६० मेघदूत पूर्वमेघा - श्लोक ५६ ते ६० धर्मसिंधु - प्रसंगानें यतीचे धर्म. धर्मसिंधु - प्रसंगानें यतीचे धर्म. अध्याय पहिला अध्याय पहिला वर्णाश्रमधर्मनिर्णय - प्रजा कर्तव्य वर्णाश्रमधर्मनिर्णय - प्रजा कर्तव्य शिवभारत - अध्याय तिसावा शिवभारत - अध्याय तिसावा शिवभारत - अध्याय तिसावा शिवभारत - अध्याय तिसावा ॥ अथ नासारोगाधिकार: ॥ ॥ अथ नासारोगाधिकार: ॥ यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग तिसरा यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग तिसरा फुलाची आत्मकथा - फुलापरी या जगात सुंदर एक ... फुलाची आत्मकथा - फुलापरी या जगात सुंदर एक ... मानसागरी - अध्याय ५ - राहुमहादशान्तर्दशाफल मानसागरी - अध्याय ५ - राहुमहादशान्तर्दशाफल भाद्रपद अमावस्या भाद्रपद अमावस्या प्रथम पाद - भगवान् विष्णुके भजन प्रथम पाद - भगवान् विष्णुके भजन शिवाख्यः चतुर्थाम्शः - दशमोऽध्यायः शिवाख्यः चतुर्थाम्शः - दशमोऽध्यायः सूत्रस्थान - व्रणप्रश्न सूत्रस्थान - व्रणप्रश्न अध्याय साँतवा - श्लोक ६१ से ८० अध्याय साँतवा - श्लोक ६१ से ८० व्रत परिचय तथा नियम व्रत परिचय तथा नियम श्रीवरदलक्ष्मी कथा श्रीवरदलक्ष्मी कथा श्रीसिद्धचरित्र - अध्याय तेरावा श्रीसिद्धचरित्र - अध्याय तेरावा यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग बारावा यशवंतराय महाकाव्य - सर्ग बारावा अश्म गीता अश्म गीता सुमित्रानंदन पंत - बापू ! सुमित्रानंदन पंत - बापू ! शेतकर्याचा असूड - पान ९ शेतकर्याचा असूड - पान ९ उत्तरभागः - अध्यायः ८० उत्तरभागः - अध्यायः ८० ग्रामगीता - अध्याय छत्तिसावा ग्रामगीता - अध्याय छत्तिसावा शिवभारत - अध्याय सोळावा शिवभारत - अध्याय सोळावा भगवद्गीतास्तोत्र - अध्याय नववा भगवद्गीतास्तोत्र - अध्याय नववा तृतीय परिच्छेद - भिक्षा तृतीय परिच्छेद - भिक्षा | Show All : Folder : Page : Word/Phrase : Person Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP