हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|भजनामृत|अभिलाषा| अभिलाषा अभिलाषा कन्हैया कन्हैया पुकारा ... चालो चालो सखी दर्शन क... मोहन हमारे मधुवन में ... मुझे है काम ईश्वरसे ज... आज मोहिं लागे वृन्दावन... इतना तो करना स्वामी !... थे तो आरोगोजी मदनगोपाल... थे तो आरोगोजी दीनदयाल ... बसो मेरे नैननि में यह जोर... बसो मेरे नैननमें नन्दल... आओ नन्द -नन्दना , आओ मन... राणोजी रुठे तो म्हारो ... और आसरो छोड़ , आसरो ले ... नरसीलो टेर लगावे जी , ... अभिलाषा ’अभिलाषा’के अंतर्गत भगवत्प्रेमी संतोंकी सुमधुर कल्याणमयी कामनाओंका दिग्दर्शन करानेवाले पदोंकी छटा भाव-दृष्टिके सामने आती है । Tags : bhajankirtanकीर्तननामभजनहिंदी अभिलाषा - कन्हैया कन्हैया पुकारा ... ’अभिलाषा’के अंतर्गत भगवत्प्रेमी संतोंकी सुमधुर कल्याणमयी कामनाओंका दिग्दर्शन करानेवाले पदोंकी छटा भाव-दृष्टिके सामने आती है । अभिलाषा - चालो चालो सखी दर्शन क... ’अभिलाषा’के अंतर्गत भगवत्प्रेमी संतोंकी सुमधुर कल्याणमयी कामनाओंका दिग्दर्शन करानेवाले पदोंकी छटा भाव-दृष्टिके सामने आती है । अभिलाषा - मोहन हमारे मधुवन में ... ’अभिलाषा’के अंतर्गत भगवत्प्रेमी संतोंकी सुमधुर कल्याणमयी कामनाओंका दिग्दर्शन करानेवाले पदोंकी छटा भाव-दृष्टिके सामने आती है । अभिलाषा - मुझे है काम ईश्वरसे ज... ’अभिलाषा’के अंतर्गत भगवत्प्रेमी संतोंकी सुमधुर कल्याणमयी कामनाओंका दिग्दर्शन करानेवाले पदोंकी छटा भाव-दृष्टिके सामने आती है । अभिलाषा - आज मोहिं लागे वृन्दावन... ’अभिलाषा’के अंतर्गत भगवत्प्रेमी संतोंकी सुमधुर कल्याणमयी कामनाओंका दिग्दर्शन करानेवाले पदोंकी छटा भाव-दृष्टिके सामने आती है । अभिलाषा - इतना तो करना स्वामी !... ’अभिलाषा’के अंतर्गत भगवत्प्रेमी संतोंकी सुमधुर कल्याणमयी कामनाओंका दिग्दर्शन करानेवाले पदोंकी छटा भाव-दृष्टिके सामने आती है । अभिलाषा - थे तो आरोगोजी मदनगोपाल... ’अभिलाषा’के अंतर्गत भगवत्प्रेमी संतोंकी सुमधुर कल्याणमयी कामनाओंका दिग्दर्शन करानेवाले पदोंकी छटा भाव-दृष्टिके सामने आती है । अभिलाषा - थे तो आरोगोजी दीनदयाल ... ’अभिलाषा’के अंतर्गत भगवत्प्रेमी संतोंकी सुमधुर कल्याणमयी कामनाओंका दिग्दर्शन करानेवाले पदोंकी छटा भाव-दृष्टिके सामने आती है । अभिलाषा - बसो मेरे नैननि में यह जोर... ’अभिलाषा’के अंतर्गत भगवत्प्रेमी संतोंकी सुमधुर कल्याणमयी कामनाओंका दिग्दर्शन करानेवाले पदोंकी छटा भाव-दृष्टिके सामने आती है । अभिलाषा - बसो मेरे नैननमें नन्दल... ’अभिलाषा’के अंतर्गत भगवत्प्रेमी संतोंकी सुमधुर कल्याणमयी कामनाओंका दिग्दर्शन करानेवाले पदोंकी छटा भाव-दृष्टिके सामने आती है । अभिलाषा - आओ नन्द -नन्दना , आओ मन... ’अभिलाषा’के अंतर्गत भगवत्प्रेमी संतोंकी सुमधुर कल्याणमयी कामनाओंका दिग्दर्शन करानेवाले पदोंकी छटा भाव-दृष्टिके सामने आती है । अभिलाषा - राणोजी रुठे तो म्हारो ... ’अभिलाषा’के अंतर्गत भगवत्प्रेमी संतोंकी सुमधुर कल्याणमयी कामनाओंका दिग्दर्शन करानेवाले पदोंकी छटा भाव-दृष्टिके सामने आती है । अभिलाषा - और आसरो छोड़ , आसरो ले ... ’अभिलाषा’के अंतर्गत भगवत्प्रेमी संतोंकी सुमधुर कल्याणमयी कामनाओंका दिग्दर्शन करानेवाले पदोंकी छटा भाव-दृष्टिके सामने आती है । अभिलाषा - नरसीलो टेर लगावे जी , ... ’अभिलाषा’के अंतर्गत भगवत्प्रेमी संतोंकी सुमधुर कल्याणमयी कामनाओंका दिग्दर्शन करानेवाले पदोंकी छटा भाव-दृष्टिके सामने आती है । : Folder : Page : Word/Phrase : Person References : N/A Last Updated : January 22, 2014 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP